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[ कबीर के दोहे ] काल करे सो आज कर आज करे सो अब – Kal Kare So Aaj Kar Aaj Kare So Ab Doha With Meaning

Kal Kare So Aaj Kar Doha - Kabir Ke Dohe

कबीर दास जी 15वीं शताब्दी के भारतीय रहस्यवादी कवि और संत थे। उनका जन्म सावंत 1455 (ई० 1398 ) में राम तारा काशी में हुआ था। कबीर दास जी हिंदी साहित्य की निर्गुण भक्ति शाखा …

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[ रहीम के दोहे ] रहिमन धागा प्रेम का मत तोड़ो चटकाय – Rahiman Dhaga Prem Ka Doha Meaning In Hindi

Rahiman Dhaga Prem Ka Doha

रहीम दास के दोहे – सूफी कवि रहीम दास मध्यकालीन कवि थे। उनका जन्म संवत् १६१३ (ई. सन् 1556) में लाहौर में हुआ था। उनका पूरा नाम अब्दुल रहीम खान-ए-खाना था। रहीम दास जी सभी धर्म और …

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[ कबीर के दोहे ] गुरु गोविन्द दोऊ खड़े काके लागू पाय – Guru Govind Dou Khade Doha With Meaning

Guru Govind Dou Khade Doha - Kabir Ke Dohe

संत कबीर का कहा और ‘गुरु’ को समर्पित ये दोहा ‘गुरु गोविंद दोऊ खड़े, काके लागूं पाय…’ आप सभी ने ज़रूर पढ़ा या सुना होगा। आज भी इस दोहे का स्मरण हर बच्चे को करवाया …

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[ कबीर के दोहे ] बुरा जो देखन मैं चला बुरा न मिलिया कोय – Bura Jo Dekhan Main Chala Doha With Hindi Meaning

Bura Jo Dekhan Main Chala Doha - Kabir Ke Dohe

कबीरदास जी मध्यकालीन भारत के भक्ति-साहित्य की ज्ञानाश्रयी शाखा के अत्यंत महत्त्वपूर्ण और विद्रोही संत-कवि थे। कबीर दास की वाणी को साखी, सबद ओर रमैनी तीनों रूपों में लिखा गया है। कबीर ईश्वर को मानते …

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