Karpur Gauram Karunavtaram Lyrics – भगवान शिव को समर्पित मंत्र और स्तोत्र हमारे जीवन में शांति और सकारात्मक ऊर्जा का संचार करते हैं। उनमें से एक अत्यंत प्रसिद्ध और पवित्र मंत्र है “कर्पूर गौरम करुणावतारं”। यह मंत्र भगवान शिव की दिव्यता, उनकी करुणा और उनकी महिमा का वर्णन करता है। आइए इस मंत्र के माध्यम से भगवान शिव की महिमा का अनुभव करें और उनके आशीर्वाद से अपने जीवन को सुख-शांति से भरें। इस पोस्ट में हम “कर्पूरगौरं करुणावतारं” पूरा मंत्र के बोल (Karpur Gauram Karunavtaram Lyrics in Hindi and English) और उनके हिंदी अर्थ प्रस्तुत कर रहे हैं –
Karpur Gauram Karunavtaram Lyrics in Hindi | Sanskrit
कर्पूरगौरं करुणावतारं
संसारसारं भुजगेन्द्रहारम्।
सदा बसन्तं हृदयारबिन्दे
भबं भवानीसहितं नमामि।।
कर्पूरगौरं करुणावतारं
संसारसारं भुजगेन्द्रहारम्।
सदा बसन्तं हृदयारबिन्दे
भबं भवानीसहितं नमामि।।
Karpur Gauram Karunavtaram Lyrics in English
Karpur Gauram Karunavtaram,
Sansar Saaram Bhujagendra Haaram।
Sada Vasantam Hridayara Vindhe,
Bhavam Bhavani Sahitam Namami।
Karpur Gauram Karunavtaram,
Sansar Saaram Bhujagendra Haaram।
Sada Vasantam Hridayara Vindhe,
Bhavam Bhavani Sahitam Namami।
कर्पूर गौरम करुणावतारं मंत्र हिंदी अर्थ – Karpur Gauram Karunavtaram Mantra Meaning in Hindi
कर्पूरगौरं करुणावतारं संसारसारं भुजगेन्द्रहारम्।
सदा वसन्तं हृदयारविन्दे भवम् भवानीसहितं नमामि॥
अर्थ – जो कर्पूर के समान श्वेत हैं, जो करुणा के अवतार हैं, जो इस संसार के सार हैं, जो सांप (भुजग) को हार के रूप में धारण करते हैं। जो सदैव भगवती भवानी (पार्वती) के साथ मेरे हृदय के कमल में विराजमान रहते हैं, ऐसे भगवान शिव को मैं प्रणाम करता हूँ।
इस मंत्र का उच्चारण और उसका अर्थ हमें भगवान शिव की अपार करुणा और उनकी महिमा का अनुभव कराता है। यह मंत्र हमारे जीवन में शांति, सकारात्मकता और दिव्यता का संचार करता है। भगवान शिव और माता पार्वती की उपस्थिति हमारे हृदय में स्थिर हो, यही हमारी प्रार्थना है। ‘कर्पूर गौरम करुणावतारं’ मंत्र (karpur gauram karunavtaram lyrics) के माध्यम से भगवान शिव का आशीर्वाद मिले, यही कामना है। ॐ नमः शिवाय !!
FAQs – Karpur Gauram Karunavtaram Mantra Lyrics
1. कर्पूरगौरं करुणावतारं मंत्र के लाभ क्या हैं?
इस मंत्र का नियमित पाठ करने से मन को शांति मिलती है, नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है। यह मंत्र जीवन में सकारात्मकता और शांति का संचार करता है।
2. कर्पूरगौरं का पाठ कब करना चाहिए?
इस मंत्र का पाठ किसी भी समय किया जा सकता है, लेकिन प्रातःकाल या संध्याकाल में इसका पाठ विशेष फलदायक माना जाता है। इसे पूजा के समय भी किया जा सकता है।
3. कर्पूरगौरं मंत्र से किस भगवान की आराधना की जाती है?
इस मंत्र को विशेष रूप से भगवान शिव की आराधना और पूजा में शामिल किया जाता है। यह मंत्र भगवान शिव की दिव्यता और करुणा का वर्णन करता है।
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