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अमावस्या कब है इस महीने में [अमावस तिथि]– Amavasya Kab Hai May 2024

Amavasya Kab Hai 2024 – हिन्दू कैलेण्डर में तिथि चन्द्रमा के अनुसार बदलती है – चन्द्रमा के घटते और बढते हुए को पक्ष कहा जाता है और एक महीने में दो पक्ष होते है – शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष। कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि को अमावस्या या अमावस कहते है। इस दिन चन्द्रमा पूर्ण रूप से नहीं दिखाई देता है और यह तिथि महीने में एक बार आती है। साल में कुल 12 Amavas Tithi होती हैं। आइए जानते हैं साल 2024 में अमावस्या कब है

अमावस्या कब है 2024 – Amavasya Kab Hai

साल 2024 के जनवरी से दिसंबर तक की अमावस्या तिथि की सूची नीचे टेबल में दी गई है। चलिए देखते है हिन्दू कैलेंडर के अनुसार इस महीने में Amavasya Kab Ki Hai –

अमावस्यादिनांकसमय / मुहूर्त
पौष अमावस्या11 जनवरी 2024 (गुरुवार)समय देखें
माघ अमावस्या09 फरवरी 2024 (शुक्रवार)समय देखें
फाल्गुन अमावस्या10 मार्च 2024 (रविवार)समय देखें
चैत्र अमावस्या08 अप्रैल 2024 (सोमवार)समय देखें
वैशाख अमावस्या08 मई 2024 (बुधवार)समय देखें
ज्येष्ठ अमावस्या06 जून 2024 (गुरुवार)समय देखें
आषाढ़ा अमावस्या05 जुलाई 2024 (शुक्रवार)समय देखें
श्रावण अमावस्या04 अगस्त 2024 (रविवार)समय देखें
भाद्रपद अमावस्या02 सितम्बर 2024 (सोमवार)समय देखें
अश्विन /महालय अमावस्या02 अक्तूबर 2024 (बुधवार)समय देखें
कार्तिक अमावस्या01 नवम्बर 2024 (शुक्रवार)समय देखें
मार्गशीर्ष अमावस्या01 दिसंबर 2024 (रविवार)समय देखें
पौष अमावस्या30 दिसम्बर 2024 (सोमवार)समय देखें
Amavasya Tithi List 2024

जनवरी में पौष अमावस्या कब है?

11 जनवरी 2024, बृहस्पतिवार

  • पौष अमावस्या
  • अमावस्या प्रारंभ: 10 जनवरी 2024 रात 08:10 PM बजे
  • अमावस्या समाप्त: 11 जनवरी 2024 शाम 5:26 PM बजे

फरवरी में माघ अमावस्या कब की है?

09 फरवरी 2024, शुक्रवार

  • माघ अमावस्या
  • अमावस्या तिथि प्रारम्भ – 09 फरवरी 2024 सुबह 08:02 AM बजे
  • अमावस्या तिथि समाप्त – 10 फरवरी 2024 सुबह 04:28 AM बजे

मार्च में फाल्गुन अमावस्या तिथि कब है?

10 मार्च 2024, रविवार

  • फाल्गुन अमावस्या
  • अमावस्या प्रारंभ: 09 मार्च 2024 शाम 06:17 PM बजे
  • अमावस्या समाप्त: 10 मार्च 2024 दोपहर 02:29 PM बजे

अप्रैल में सोमवती अमावस्या कब है?

8 अप्रैल 2024, सोमवार

  • चैत्र अमावस्या (सोमवती अमावस्या 2024)
  • अमावस्या प्रारंभ: 08 अप्रैल 2024 सुबह 03:21 AM बजे
  • अमावस्या समाप्त: 08 अप्रैल 2024 रात 11:50 PM बजे

मई में वैशाख अमावस्या कब है?

8 मई 2024, बुधवार

  • वैशाख अमावस्या
  • अमावस्या प्रारंभ: 07 मई 2024 सुबह 11:40 AM बजे
  • अमावस्या समाप्त: 08 मई 2024 सुबह 08:51 AM बजे

जून में ज्येष्ठ अमावस्या तिथि कब है?

6 जून 2024, बृहस्पतिवार

  • ज्येष्ठ अमावस्या
  • अमावस्या प्रारंभ: 05 जून 2024 शाम 07:54 PM बजे
  • अमावस्या समाप्त: 06 जून 2024 शाम 06:07 PM बजे

जुलाई में आषाढ़ अमावस्या कब है?

5 जुलाई 2024, शुक्रवार

  • आषाढ़ अमावस्या
  • अमावस्या प्रारंभ: 05 जुलाई 2024 सुबह 04:57 AM बजे
  • अमावस्या समाप्त: 06 जुलाई 2024 सुबह 04:26 AM बजे

अगस्त में हरियाली अमावस्या तिथि कब है?

4 अगस्त 2024, रविवार

  • श्रावण अमावस्या (हरियाली अमावस्या 2024)
  • अमावस्या प्रारंभ: 03 अगस्त 2024 दोपहर 03:50 PM बजे
  • अमावस्या समाप्त: 04 अगस्त 2024 शाम 04:42 PM बजे

सितंबर में भाद्रपद अमावस्या कब है?

2 सितम्बर 2024, सोमवार

  • भाद्रपद अमावस्या (Bhadrapada Amavasya 2024)
  • अमावस्या प्रारंभ: 02 सितंबर 2024 सुबह 05:21 AM बजे
  • अमावस्या समाप्त: 03 सितंबर 2024 सुबह 07:24 AM बजे

अक्टूबर में आश्विन अमावस्या तिथि कब है?

2 अक्टूबर 2024, बुधवार

  • आश्विन अमावस्या
  • अमावस्या प्रारंभ: 01 अक्टूबर 2024 रात 09:39 PM बजे
  • अमावस्या समाप्त: 14 अक्टूबर 2024 रात 12:18 AM बजे

नवंबर में कार्तिक अमावस्या कब की है?

1 नवम्बर 2024, शुक्रवार

  • कार्तिक अमावस्या
  • अमावस्या प्रारंभ: 31 अक्टूबर 2024 दोपहर 03:52 PM बजे
  • अमावस्या समाप्त: 01 नवंबर 2024 शाम 06:16 PM बजे

दिसंबर में मार्गशीर्ष अमावस्या कब है?

01 दिसम्बर 2024, रविवार

  • मार्गशीर्ष अमावस्या (Margashirsha Amavasya 2024)
  • अमावस्या प्रारंभ: 30 नवंबर 2024 सुबह 10:29 AM बजे
  • अमावस्या समाप्त: 01 दिसम्बर 2024 रात 11:50 PM बजे

30 दिसम्बर 2024, सोमवार

  • पौष अमावस्या
  • अमावस्या प्रारंभ: 30 दिसंबर 2024 सुबह 04:01 AM बजे
  • अमावस्या समाप्त: 31 दिसंबर 2024 सुबह 03:56 AM बजे

अमावस्या तिथि का महत्व

हिन्दू धर्म में अमावस्या का धार्मिक दृष्टि से खास महत्व है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अमावस्या तिथि (Amavas Tithi) के स्वामी पितृ देव होते हैं। ऐसे में इस तिथि में देवी-देवताओं का पूजन, स्नान-दान और पितरों के निमित्त तर्पण और श्राद्ध कर्म करना शुभ होता है।

माना जाता है कि इस दिन व्रत करने और शिव पार्वती की पूजा करने से सुहाग की आयु लंबी होती है और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। दांपत्य जीवन में स्नेह और सद्भाव बढ़ाने के लिए भी अमावस्या का व्रत रखा जाता है। अमावस्या के दिन पितृ तर्पण और स्नान-दान करना शुभ होता है। 


इस महीने की अन्य तिथियाँ

हिंदू कैलेंडर में एक चंद्र मास में दो पक्ष होते हैं – शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष और प्रत्येक पक्ष में 15-15 तिथियां होती है। दोनों पक्षों में 14 तिथियां समान होती है लेकिन कृष्ण पक्ष की 15वीं तिथि अमावस्या और शुक्ल पक्ष की 15वीं तिथि पूर्णिमा कही जाती है। इस वर्ष की अन्य तिथियाँ नीचे दी हुई है –

प्रतिपदा (पड़वा) कब है?नवमी (नौमी) कब है?
द्वितीया (दूज) कब है?दशमी (दसम) कब है?
तृतीया (तीज) कब है?एकादशी (ग्यारस) कब है?
चतुर्थी (चौथ) कब है?द्वादशी (बारस) कब है?
पंचमी (पचमी) कब है?त्रयोदशी (तेरस) कब है?
षष्ठी (छठ) कब है?चतुर्दशी (चौदस) कब है?
सप्तमी (सातम) कब है?पूर्णिमा (पूरनमासी) कब है?
अष्टमी (आठम) कब है?अमावस्या (अमावस) कब है?

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