Purnima Kab Hai 2025 – हिन्दू धर्म में पूर्णिमा का विशेष महत्व है। हिन्दू पंचाग में तिथि चन्द्रमा के अनुसार बदलती है। चन्द्रमा के घटते और बढते हुए को पक्ष कहा जाता है और एक महीने में दो पक्ष होते है – शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष। शुक्ल पक्ष की अंतिम तिथि को पूर्णिमा होती है। पूर्णिमा को पूनो, पूरनमासी या पुनवासी भी कहा जाता है। पूर्णिमा एक महीने में एक बार आती है और साल में कुल 12 Purnima Tithi होती हैं। आइए जानते हैं साल 2025 में पूर्णिमा कब है –
पूर्णिमा कब है 2025 – Purnima Kab Hai
साल 2025 के जनवरी से दिसंबर तक की पूर्णिमा तिथि की सूची नीचे टेबल में दी गई है। चलिए देखते है हिन्दू कैलेंडर के अनुसार इस साल में पूर्णिमा कब की है –
पूर्णिमा | दिनांक | मुहूर्त |
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पौष पूर्णिमा | 13 जनवरी 2025 (सोमवार) | प्रारंभ: 13 जनवरी, प्रातः 5:03 बजे समाप्त: 14 जनवरी, प्रातः 3:56 बजे |
माघ पूर्णिमा | 12 फरवरी 2025 (बुधवार) | प्रारंभ: शाम 6:55 बजे, 11 फरवरी समाप्त: शाम 7:22 बजे, 12 फरवरी |
फाल्गुन पूर्णिमा | 14 मार्च 2025 (शुक्रवार) | प्रारंभ: 13 मार्च, प्रातः 10:35 बजे समाप्त: 14 मार्च, दोपहर 12:23 बजे |
चैत्र पूर्णिमा | 12 अप्रैल 2025 (शनिवार) | प्रारंभ: 12 अप्रैल, प्रातः 3:21 बजे समाप्त: 13 अप्रैल, प्रातः 5:51 बजे |
वैशाख पूर्णिमा | 12 मई 2025 (सोमवार) | प्रारंभ: 11 मई, रात 8:01 बजे, समाप्त: 12 मई, रात 10:25 बजे, |
ज्येष्ठ पूर्णिमा | 11 जून 2025 (बुधवार) | प्रारंभ: 10 जून, प्रातः 11:35 बजे समाप्त: 11 जून, दोपहर 1:13 बजे |
आषाढ़ा पूर्णिमा | 10 जुलाई 2025 (गुरुवार) | प्रारंभ: रात 1:36 बजे, 10 जुलाई समाप्त: रात 2:06 बजे, 11 जुलाई |
श्रावण पूर्णिमा | 9 अगस्त 2025 (शनिवार) | प्रारंभ: दोपहर 2:12 बजे, 8 अगस्त समाप्त: दोपहर 1:24 बजे, 9 अगस्त |
भाद्रपद पूर्णिमा | 7 सितम्बर 2025 (रविवार) | प्रारंभ: रात 1:41 बजे, 7 सितंबर समाप्त: रात 11:38 बजे, 7 सितंबर |
आश्विन पूर्णिमा | 7 अक्तूबर 2025 (मंगलवार) | प्रारंभ: दोपहर 12:23 बजे, 6 अक्टूबर समाप्त: सुबह 9:16 बजे, 7 अक्टूबर |
कार्तिक पूर्णिमा | 5 नवम्बर 2025 (बुधवार) | प्रारंभ: 4 नवंबर, रात 10:36 बजे समाप्त: 5 नवंबर, शाम 6:48 बजे |
मार्गशीर्ष पूर्णिमा | 5 दिसम्बर 2025 (गुरुवार) | प्रारंभ: सुबह 8:37 बजे, 4 दिसंबर समाप्त: सुबह 4:43 बजे, 5 दिसंबर |
FAQs – पूर्णिमा तिथि कब है इस महीने
1. जनवरी में पूनो कब है ?
जनवरी 2025 में पौष माह की पूनो (पौष पूर्णिमा) का व्रत सोमवार, 13 जनवरी को है।
2. फरवरी में पूनो कब की है ?
फरवरी 2025 में माघ माह की पूनो (माघ पूर्णिमा) का व्रत बुधवार, 12 फरवरी को है।
3. मार्च में पूनो तिथि कब है ?
मार्च 2025 में फाल्गुन माह की पूनो (फाल्गुन पूर्णिमा) का व्रत शुक्रवार, 14 मार्च को है।
4. अप्रैल में पूनो कब है ?
अप्रैल 2025 में चैत्र माह की पूनो (चैत्र पूर्णिमा) का व्रत शनिवार, 12 अप्रैल को है।
5. मई में पूनो कब की है ?
मई 2025 में वैशाख माह की पूनो (बुद्ध पूर्णिमा) सोमवार, 12 मई को है।
6. जून में पूनो कब की है ?
जून 2025 में ज्येष्ठ माह की पूनो (देव स्नान पूर्णिमा) बुधवार, 11 जून को है।
7. जुलाई में पुनवासी कब है ?
जुलाई 2025 में आषाढ़ा माह की पूनो (गुरु पूर्णिमा) गुरुवार, 10 जुलाई को है।
8. अगस्त में पूनो कब की है ?
साल 2025 में श्रावण माह की पूनो (नारली पूर्णिमा / जंध्याल पूर्णिमा) शनिवार, 9 अगस्त को है।
9. सितम्बर में पूनो कब है ?
सितंबर 2025 में भाद्रपद माह की पूनो (भाद्रपद पूर्णिमा) का व्रत रविवार, 7 सितंबर को है।
10. अक्टूबर में पुनवासी कब है ?
अक्टूबर 2025 में आश्विन माह की पुनवासी (शरद पूर्णिमा /आश्विन पूर्णिमा) का व्रत मंगलवार, 7 अक्टूबर को है।
11. नवंबर में पूनो कब है ?
नवंबर 2025 में कार्तिक माह की पूरनमासी (कार्तिक पूर्णिमा) का व्रत बुधवार, 5 नवंबर को है।
12. दिसंबर में पूनो कब की है ?
दिसंबर 2025 में मार्गशीर्ष माह की पूनो (मार्गशीर्ष पूर्णिमा) का व्रत गुरुवार, 4 दिसंबर को है।
पूर्णिमा व्रत का महत्व
हिन्दू धर्म में पूर्णिमा व्रत (Puno or Punwasi) को काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। चंद्रमा को मन का कारक माना जाता है और पूर्णिमा के दिन चांद के पूरे होने पर उसका प्रभाव हमारे मन पर अवश्य पड़ता है। पूर्णिमा व्रत के बहुत सरे लाभ है। उनमे से कुछ ये है :
- पूर्णिमा व्रत करने से पारिवारिक कलह और अशांति दूर हो जाती है।
- जो लोग अकारण डरते हैं या मानसिक चिंता से ग्रसित रहते हैं उन्हें पूर्णमासी व्रत अवश्य करना चाहिए।
- पूर्णिमा व्रत करने से संकट का नाश होता है और घर में सुख समृद्धि आती है।
- अगर आप मानसिक कष्टों से मुक्ति पाना चाहते हैं तो पूर्णिमा का व्रत अवश्य करें।
- प्रेम भरा वैवाहिक जीवन व्यतीत करने के लिए भी पूर्णिमा व्रत करना बहुत शुभ माना जाता है।
इस महीने की अन्य तिथियाँ
हिंदू कैलेंडर में एक चंद्र मास में दो पक्ष होते हैं – शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष और प्रत्येक पक्ष में 15-15 तिथियां होती है। दोनों पक्षों में 14 तिथियां समान होती है लेकिन कृष्ण पक्ष की 15वीं तिथि अमावस्या और शुक्ल पक्ष की 15वीं तिथि पूर्णिमा कही जाती है। इस वर्ष की अन्य तिथियाँ नीचे दी हुई है –