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मासिक शिवरात्रि कब है इस महीने में – Masik Shivratri Kab Hai February 2025

Masik Shivratri Kab Hai 2025 – हिन्दू कलैंडर के हर माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि (अमावस्या की पूर्व संध्या) शिवरात्रि होती है, जिसे मासिक शिवरात्रि के नाम से जाना जाता है। हर माह आने वाली इस तिथि को शिव पूजन का विशेष महत्व बताया गया है। तो आइये जानते है साल 2025 में मासिक शिवरात्रि कब है

मासिक शिवरात्रि कब है – Masik Shivratri Kab Hai 2025

साल 2025 जनवरी से दिसंबर तक की मासिक शिवरात्रि की सूची नीचे टेबल में दी गई है। चलिए देखते है हिन्दू कैलेंडर के अनुसार इस महीने में Masik Shivratri Kab Hai

तारीखत्योहारतिथि
27 जनवरी 2025मासिक शिवरात्रि (माघ)प्रारम्भ: रात 08:34 मिनट
समाप्त: रात 07:35 (28 जनवरी)
26 फरवरी 2025महा शिवरात्रि (फाल्गुन)प्रारम्भ: सुबह 11:08 मिनट
समाप्त: रात 08:54 (27 फरवरी)
27 मार्च 2025मासिक शिवरात्रि (चैत्र)प्रारम्भ: रात 11:03 मिनट
समाप्त: रात 07:55 (28 मार्च)
26 अप्रैल 2025मासिक शिवरात्रि (वैशाख)प्रारम्भ: सुबह 08:27 मिनट
समाप्त: सुबह 04:49 (27 अप्रैल)
25 मई 2025मासिक शिवरात्रि (ज्येष्ठ)प्रारम्भ: दोपहर 03:51 मिनट
समाप्त: दोपहर 12:11 (26 मई)
23 जून 2025मासिक शिवरात्रि (आषाढ़)प्रारम्भ: रात 10:09 मिनट
समाप्त: शाम 06:59 (24 जून)
23 जुलाई 2025श्रावण शिवरात्रि (श्रावण)प्रारम्भ: सुबह 04:39 मिनट
समाप्त: रात 02:28 (24 जुलाई)
21 अगस्त 2025मासिक शिवरात्रि (भाद्रपद)प्रारम्भ: दोपहर 12:44 मिनट
समाप्त: सुबह 11:55 (22 अगस्त)
19 सितंबर 2025मासिक शिवरात्रि (आश्विन)प्रारम्भ: रात 11:36 मिनट
समाप्त: रात 12:16 (21 सितम्बर)
19 अक्टूबर 2025मासिक शिवरात्रि (कार्तिक)प्रारम्भ: दोपहर 01:51 मिनट
समाप्त: दोपहर 03:44 (20 अक्टूबर)
18 नवंबर 2025मासिक शिवरात्रि (मार्गशीर्ष)प्रारम्भ: सुबह 07:12 मिनट
समाप्त: सुबह 09:43 (19 नवम्बर)
18 दिसंबर 2025मासिक शिवरात्रि (पौष)प्रारम्भ: रात 02:32 मिनट
समाप्त: सुबह 04:59 (19 दिसम्बर)
Masik Shivratri 2025 List

मासिक शिवरात्रि का महत्व

मासिक शिवरात्रि भगवान शिव की उपासना का दिन है। इस दिन को भगवान शिव और माता पार्वती के मिलन का प्रतीक माना जाता है। शिव पुराण के अनुसार, इस दिन व्रत और पूजा करने से सभी पापों का नाश होता है और भक्त को मोक्ष की प्राप्ति होती है। शिवरात्रि के दिन भगवान शिव का रुद्राभिषेक, महामृत्युंजय मंत्र का जाप और शिवलिंग पर बेलपत्र, दूध और जल अर्पित करने से विशेष फल मिलता है।

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मासिक शिवरात्रि की पूजा विधि

मासिक शिवरात्रि के दिन पूजा की विधि इस प्रकार है:

  1. स्नान और शुद्धता: सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें। शारीरिक शुद्धता के साथ मानसिक शुद्धता भी बनाए रखें।
  2. मंदिर में पूजा: घर के मंदिर में या शिव मंदिर में जाकर भगवान शिव का ध्यान करें और पूजा की तैयारी करें।
  3. शिवलिंग का अभिषेक: शिवलिंग पर जल, दूध, दही, घी, शहद और शक्कर से अभिषेक करें। अभिषेक करते समय ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का जाप करें।
  4. बेलपत्र अर्पण: शिवलिंग पर बेलपत्र, धतूरा और फूल अर्पित करें। बेलपत्र भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है और इसे अर्पित करने से विशेष फल मिलता है।
  5. धूप और दीप: भगवान शिव के समक्ष धूप और दीप जलाएं। इससे वातावरण शुद्ध होता है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
  6. मंत्र जाप: ‘ॐ नमः शिवाय’ और महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें। मंत्र जाप से मानसिक शांति और आध्यात्मिक बल प्राप्त होता है।
  7. प्रसाद वितरण: पूजा के बाद प्रसाद वितरण करें और भक्तों के बीच बांटें। प्रसाद में फल, मिष्ठान्न और पंचामृत शामिल करें।
  8. व्रत का पालन: शिवरात्रि के दिन व्रत रखें और शाम को भगवान शिव की आरती के बाद फलाहार करें। यदि संभव हो तो दिनभर उपवास रखें।

मासिक शिवरात्रि के विशेष लाभ

  1. धार्मिक लाभ: मासिक शिवरात्रि का व्रत और पूजा करने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है और सभी पापों का नाश होता है।
  2. आध्यात्मिक लाभ: इस दिन भगवान शिव की आराधना करने से आत्मिक शांति और आध्यात्मिक उन्नति होती है।
  3. स्वास्थ्य लाभ: शिवरात्रि के व्रत से शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार होता है और मानसिक तनाव कम होता है।
  4. सुख और समृद्धि: भगवान शिव की कृपा से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि प्राप्त होती है।
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मासिक शिवरात्रि के कुछ महत्वपूर्ण मंत्र

  1. महामृत्युंजय मंत्र:
    ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
    उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्॥
  2. ॐ नमः शिवाय:
    ॐ नमः शिवाय

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FAQs – मासिक शिवरात्रि 2025 – Masik Shivratri 2025 List

1. एक साल में कितने शिवरात्रि होते हैं ?

प्रत्येक चंद्र मास के 14 वें दिन – अमावस्या की पूर्व संध्या और महीने की सबसे अंधेरी रात को शिवरात्रि के रूप में जाना जाता है। प्रत्येक महीने एक शिवरात्रि यानि वर्ष में 12 शिवरात्रि होते है।

2. शिवरात्रि और महाशिवरात्रि में क्या अंतर है?

हर महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को शिवरात्रि कहते हैं। लेकिन फाल्गुन मास की कृष्ण चतुर्दशी पर पड़ने वाली शिवरात्रि को महाशिवरात्रि कहा जाता है।


मासिक शिवरात्रि (Masik Shivratri) भगवान शिव की आराधना का विशेष दिन है। यह दिन भक्तों के लिए भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने का उत्तम अवसर है। इस पवित्र दिन को श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाएं और भगवान शिव की कृपा से अपने जीवन को सुख, शांति और समृद्धि से भरपूर बनाएं। हर हर महादेव!

इस वर्ष की अन्य तिथियाँ –

प्रतिपदा (पड़वा) कब है?नवमी (नौमी) कब है?
द्वितीया (दूज) कब है?दशमी (दसम) कब है?
तृतीया (तीज) कब है?एकादशी (ग्यारस) कब है?
चतुर्थी (चौथ) कब है?द्वादशी (बारस) कब है?
पंचमी (पचमी) कब है?त्रयोदशी (तेरस) कब है?
षष्ठी (छठ) कब है?चतुर्दशी (चौदस) कब है?
सप्तमी (सातम) कब है?पूर्णिमा (पूरनमासी) कब है?
अष्टमी (आठम) कब है?अमावस्या (अमावस) कब है?

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