Pradosh Vrat 2025 – हिंदू कैलेंडर के अनुसार, प्रत्येक माह के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत मनाया जाता है। प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा की जाती है। एक साल में कुल 24 या 25 प्रदोष व्रत पड़ते हैं। आइए जानते हैं कि 2025 में प्रदोष व्रत किन-किन तिथियों पर रखा जाएगा।
प्रदोष व्रत 2025 – Pradosh Vrat Kab Hai
साल 2025 के जनवरी से दिसंबर तक की प्रदोष व्रत तिथि की सूची नीचे टेबल में दी गई है। चलिए देखते है हिन्दू कैलेंडर के अनुसार इस साल में Pradosh Vrat Kab Ki Hai –
तिथि | दिन | प्रदोष व्रत का नाम |
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11 जनवरी 2025 | शनिवार | शनि प्रदोष व्रत(शुक्ल) |
27 जनवरी 2025 | सोमवार | सोम प्रदोष व्रत (कृष्ण) |
09 फरवरी 2025 | रविवार | प्रदोष व्रत (शुक्ल) |
25 फरवरी 2025 | मंगलवार | भौम प्रदोष व्रत (कृष्ण) |
11 मार्च 2025 | मंगलवार | भौम प्रदोष व्रत (शुक्ल) |
27 मार्च 2025 | गुरुवार | प्रदोष व्रत (कृष्ण) |
10 अप्रैल 2025 | गुरुवार | प्रदोष व्रत (शुक्ल) |
25 अप्रैल 2025 | शुक्रवार | प्रदोष व्रत (कृष्ण) |
09 मई 2025 | शुक्रवार | प्रदोष व्रत (शुक्ल) |
24 मई 2025 | शनिवार | शनि प्रदोष व्रत (कृष्ण) |
08 जून 2025 | रविवार | प्रदोष व्रत (शुक्ल) |
23 जून 2025 | सोमवार | सोम प्रदोष व्रत (कृष्ण) |
08 जुलाई 2025 | मंगलवार | भौम प्रदोष व्रत (शुक्ल) |
22 जुलाई 2025 | मंगलवार | भौम प्रदोष व्रत (कृष्ण) |
06 अगस्त 2025 | बुधवार | प्रदोष व्रत (शुक्ल) |
20 अगस्त 2025 | बुधवार | प्रदोष व्रत (कृष्ण) |
5 सितंबर 2025 | शुक्रवार | प्रदोष व्रत (शुक्ल) |
19 सितंबर 2025 | शुक्रवार | प्रदोष व्रत (कृष्ण) |
04 अक्टूबर 2025 | शनिवार | शनि प्रदोष व्रत (शुक्ल) |
18 अक्टूबर 2025 | शनिवार | शनि प्रदोष व्रत (कृष्ण) |
03 नवंबर 2025 | सोमवार | सोम प्रदोष व्रत (शुक्ल) |
17 नवंबर 2025 | सोमवार | सोम प्रदोष व्रत (कृष्ण) |
02 दिसंबर 2025 | मंगलवार | भौम प्रदोष व्रत (शुक्ल) |
17 दिसंबर 2025 | बुधवार | प्रदोष व्रत (कृष्ण) |
FAQs – प्रदोष व्रत लिस्ट 2025
1. जनवरी में प्रदोष व्रत कब है?
11 जनवरी, शनिवार को शनि प्रदोष व्रत है। इस दिन पौष माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि है। और 27 जनवरी को सोम प्रदोष व्रत है। इस दिन माघ माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि है।
2. फरवरी में प्रदोष व्रत कब है?
09 फरवरी को रवि प्रदोष व्रत है। इस दिन माघ माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि है। और 25 फरवरी को भौम प्रदोष व्रत है। इस दिन फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि है।
3. मार्च में प्रदोष व्रत कब है?
11 मार्च को भौम प्रदोष व्रत है। इस दिन फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी है। और 27 मार्च को गुरु प्रदोष व्रत है। इस दिन चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी है।
4. अप्रैल में प्रदोष व्रत कब की है?
10 अप्रैल को गुरु प्रदोष व्रत है। इस दिन चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी है। और 25 अप्रैल को शुक्र प्रदोष व्रत है। इस दिन वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी है।
5. मई में प्रदोष कब की है?
09 मई को शुक्र प्रदोष व्रत है। इस दिन वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी है। और 24 मई को शनि प्रदोष व्रत है। इस दिन ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी है।
6. जून में प्रदोष व्रत कब है?
08 जून को रवि प्रदोष व्रत है। इस दिन ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी है। और सोमवार 23 जून को सोम प्रदोष है। इस दिन आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि है।
7. जुलाई में प्रदोष व्रत कब है?
08 जुलाई को भौम प्रदोष व्रत है। इस दिन आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी है। और 22 जुलाई को भौम प्रदोष व्रत है। इस दिन सावन माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी है।
8. अगस्त में प्रदोष व्रत कब है?
06 अगस्त को बुध प्रदोष व्रत है। इस दिन सावन माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी है। और 20 अगस्त को बुध प्रदोष व्रत है। इस दिन भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी है।
9. सितंबर में प्रदोष व्रत कब है?
05 सितंबर को शुक्र प्रदोष व्रत है। इस दिन भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी है। और 19 सितंबर को शुक्र प्रदोष व्रत है। इस दिन अश्विन माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी है।
10. अक्टूबर में प्रदोष व्रत कब है?
04 अक्टूबर को शनि प्रदोष व्रत है। इस दिन अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी है। और 18 अक्टूबर को शनि प्रदोष व्रत है। इस दिन कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी है।
11. नवंबर में प्रदोष व्रत कब है?
03 नवंबर को सोम प्रदोष व्रत है। इस दिन कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी है। और 17 नवंबर को सोम प्रदोष व्रत है। इस दिन मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी है।
12. नवंबर में प्रदोष व्रत कब है?
02 दिसंबर को भौम प्रदोष व्रत है। इस दिन मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी है। और 17 दिसंबर को भौम प्रदोष व्रत है। इस दिन पौष माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी है।
प्रदोष व्रत का महत्व
प्रदोष व्रत हिंदू धर्म में भगवान शिव को समर्पित एक महत्वपूर्ण व्रत है, जो हर महीने की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है। इसे भगवान शिव और माता पार्वती की विशेष कृपा प्राप्त करने का श्रेष्ठ माध्यम माना जाता है। मान्यता है कि प्रदोष व्रत करने से व्यक्ति के समस्त पापों का नाश होता है और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है।
इस व्रत का पालन करने से जीवन में सुख-समृद्धि, शांति और आरोग्य की प्राप्ति होती है। साथ ही, दांपत्य जीवन में मधुरता और संतान सुख के लिए भी यह व्रत अत्यंत फलदायी माना गया है। प्रदोष व्रत का विशेष महत्व तब बढ़ जाता है जब इसे सोमवार के दिन रखा जाता है, जिसे सोम प्रदोष कहा जाता है। इस दिन भगवान शिव को प्रसन्न करना और उनकी कृपा प्राप्त करना बेहद आसान होता है।
प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat) कथा सुनने और शिव पूजन करने से भक्त की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। व्रतधारी को सूर्यास्त के समय भगवान शिव का ध्यान कर पूजा-अर्चना करनी चाहिए। शिवलिंग पर जल, बिल्वपत्र और धतूरा अर्पित करने से भगवान शिव शीघ्र प्रसन्न होते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस व्रत से आर्थिक समस्याओं का समाधान होता है और व्यक्ति को दीर्घायु, स्वास्थ्य, और उन्नति का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
इस महीने की अन्य तिथियाँ
हिंदू कैलेंडर में एक चंद्र मास में दो पक्ष होते हैं – शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष और प्रत्येक पक्ष में 15-15 तिथियां होती है। दोनों पक्षों में 14 तिथियां समान होती है लेकिन कृष्ण पक्ष की 15वीं तिथि अमावस्या और शुक्ल पक्ष की 15वीं तिथि पूर्णिमा कही जाती है। इस वर्ष की अन्य तिथियाँ नीचे दी हुई है –
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